✨ शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से पृथ्वी पर ऐतिहासिक वापसी की कहानी
15 जुलाई 2025 को भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के बाद शाम 3:02 बजे पृथ्वी पर वापस लौट आए। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट सफलतापूर्वक अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा।
ड्रैगन कैप्सूल का स्वागत और पहला दृश्य
पानी में उतरने के बाद, नासा की टीम ने ड्रैगन कैप्सूल को नासा केंद्र पहुंचाया, जहां जैसे ही कैप्सूल का गेट खुला – शुभांशु शुक्ला ने मुस्कुराकर सभी का अभिवादन किया। हालांकि यह वापसी जितनी आसान दिखी, असल में काफी जटिल और जोखिम भरी थी।
🚀 वापसी की प्रक्रिया की शुरुआत – 14 जुलाई
1. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से विदाई
शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई दोपहर 2:00 बजे अपने अन्य साथियों के साथ ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में पहुंचे।
4:45 PM पर स्पेसक्राफ्ट ने अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक किया।
धीरे-धीरे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 28,000 से घटकर 26,000 किमी/घंटा हुई।
🌍 पृथ्वी के ओर वापसी की मुख्य प्रक्रियाएं
2. रेट्रोग्रेड बर्न और कक्षा में गिरावट
धीरे-धीरे पृथ्वी की ओर आने के लिए थ्रस्टर्स फायर किए गए।
21 घंटे के बाद स्पेसक्राफ्ट प्रशांत महासागर के ऊपर तय स्थान पर पहुंचा।
3. ड्रैगन ट्रंक से अलगाव
हीट शील्ड को एक्सपोज़ करने के लिए ड्रैगन ट्रंक को अलग किया गया।
इसके बाद शुरू हुई रेट्रोग्रेड बर्न की प्रक्रिया जो 17 मिनट चली।
🔥 सबसे खतरनाक प्रक्रिया – एंट्री हीट
4. पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश
स्पेसक्राफ्ट ने 180° घूमकर हीट शील्ड पृथ्वी की ओर कर दी।
वायुमंडल में घुसते ही स्पेसक्राफ्ट आग के गोले में बदल गया।
तापमान पहुंचा 1600°C से अधिक, नासा से संपर्क टूट गया।
7 मिनट तक यह प्रक्रिया चली – सबसे खतरनाक वक्त।
🪂 पैराशूट सिस्टम और लैंडिंग
5. लैंडिंग से पहले की तैयारी
5700 मीटर की ऊंचाई पर 2 छोटे पैराशूट खुले।
2000 मीटर पर 4 मुख्य पैराशूट खुले।
स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार धीमी होती गई।
6. सफल स्प्लैशडाउन
धीरे-धीरे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट प्रशांत महासागर में उतर गया।
नासा की टीम पहले से मौजूद थी और कैप्सूल को ले जाया गया।
🧪 क्या लाए शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से?
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम साथ लाए 580 पाउंड (263 किलो) का वैज्ञानिक सामान।
इसमें नासा का हार्डवेयर और 60 से अधिक साइंस एक्सपेरिमेंट्स का डेटा शामिल है।
🧑⚕️ पृथ्वी पर वापसी के बाद स्वास्थ्य निगरानी
अंतरिक्ष से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला को 7 दिनों के लिए मेडिकल निगरानी में रखा गया है।
Zero Gravity में रहने से शरीर पर पड़ते हैं प्रभाव, इसलिए यह अनिवार्य होता है।
🇮🇳 भारत को गर्व
अब पूरे भारत को शुभांशु शुक्ला के भारत वापस लौटने का इंतजार है। उनकी यह सफलता हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है।
📢 निष्कर्ष :
अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।
आपकी राय नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
हम मिलेंगे ऐसी ही और भी इंफॉर्मेटिव पोस्ट्स के साथ।
जय हिंद, जय भारत।